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शत्रुघ्न के कांग्रेस, पत्नी पूनम के सपा के बाद सोनाक्षी बसपा ज्वाइन करके परिवार को महागठबंधन का नाम देंगी

शत्रुघ्न सिन्हा के कांग्रेस पार्टी, उनकी पत्नी के समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने के बाद अब सोनाक्षी सिन्हा अब बहुत जल्दी ही बहुजन समाज पार्टी ज्वाइन कर सकती है और इस तरह सिन्हा परिवार देश का पहला महागठबंधन परिवार होगा।  

लगभग दो दशकों से भाजपा के साथ जुड़े शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने सालों पुराने गीले शिकवे पर विराम लगाते हुए चैत्र नवरात्री के शुभ दिन ही कांग्रेस ज्वाइन कर लिया।  फिर उनकी पत्नी अब लखनऊ से समाजवादी पार्टी के  टिकट पर लड़ रही हैं।  मिल रही ख़बरों के अनुसार – जल्दी ही सोनाक्षी सिन्हा भी बहन सुश्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी ज्वाइन करके अपने परिवार को महागठबंधन का नाम देंगी।

फिल्म कलंक के प्रमोशन के दौरान इसी मुद्दे पर एक्सक्लूसिव बात करते हुए सोनाक्षी ने हमारे संवाददाता पतालखोजू को अपनी इस राजनीतिक महत्वाकांक्षा के संकेत दिए।  उन्होंने बताया पापा को इस बात पर कोई प्रॉब्लम नहीं है बल्कि वो तो इस तरह के पहल का बहुत समर्थन भी करते हैं। उनका मानना है ऐसे ही तो सहिष्णुता बढ़ती है।  हमारा देश खुद ही एक विविधता में एकता का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है तो वो परिवार में क्यों नहीं ? पतालखोजू उनसे अगल सवाल पूछते उन्होंने पहले साफ़ कर दिया कि ये कलंक नहीं होगा बल्कि महागठबंधन होगा और आगे की बात केवल फिल्म कलंक के बारे में करने पर जोर दिया।

बहुत कोशिश के बात हम शत्रु जी से कनेक्ट कर पाए तो उन्होंने बोला कि सोनाक्षी का राजनीति में स्वागत है। साथ ही इन्होने कहा कि वो अपने दोनों पुत्रों लव और कुश सिन्हा को भी आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल ज्वाइन
कराना चाह रहे हैं। शत्रु जी ने साफगोई से बताते हुए बोला कि पिछले बार उनसे गलती हो गयी थी जो केवल एक पार्टी के साथ जुड़े रहे, और आगे बढ़ने का  मौका नहीं मिला।  अब घर के सारे सदस्य किसी न किसी पार्टी से जुड़े हैं तो मंत्री पद तो पक्का। 

हमारे संवाददाता के पूछे जाने पर कि अगर इस बार, फिर मोदी सरकार तो क्या होगा ? आपके परिवार का कोई सदस्य को भाजपा में नहीं है।  तो उन्होंने साफ़ कहा कि भाजपा से मेरा जुड़ाव दो दशकों का रहा, वो मेरे घर जैसे हैं तो घर वापसी से क्या दिक्कत ? हम आगे कुछ सवाल पूछते उन्होंने खामोश करके चुप कर दिया और मंच पर भाषण देने चले गए।  


पूरी तरह सत्य घटनाओ पर आधारित इस व्यंग्य के घटनाक्रम, पात्र और कथानक में समानता एक महज़ संयोग नहीं है। 

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