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दिल्ली, दुबई , मॉस्को, मुंबई । 4 अप्रेल को UAE ने अपना सबसे बड़ा नागरिक सम्मान प्रधानमंत्री को दे दिया। फिर पिछले हफ्ते ही सारे विपक्षी दलों ने किसी तरह PM नरेंद्र मोदी बायो पिक फिल्म के रिलीज़ पर बैन लगवाया। अभी उन्होंने ठीक से सांस भी नहीं थी कि रूस ने अपना सबसे बड़ा नागरिक सम्मान मोदी को देने का घोषणा कर दिया। अब विपक्षी खेमा इस पर रोक लगाने के लिए चुनाव आयोग ( Election Commission ) में इसकी शिकायत भी कर चुका है।
चुनाव आयोग जल्दी ही इसपर अपना कड़ा फैसला रूस और UAE को सुनाने वाला है जिससे खबर मिली है कि पुतिन और दुबई प्रिंस सकते में आ गए हैं।
इसी बीच हमें सूत्रों से पता चला कि जर्मनी, इटली, ब्रिटेन और फ़्रांस भी प्रधानमंत्री मोदी को हर चरण के बाद अपना सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्म्मान देने वाले थे लेकिन चुनाव आयोग के सख्त कदम से डर गए हैं।
हमारे संवाददाता पतालखोजू से बात करते हुए महाठगबंधन के एक के नेता ने बताया कि ये तो रूस अब अमेरिका के चुनावों के बाद भारत का भी चुनाव प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। हम इसकी ‘कड़ी निंदा’ करते हैं। कड़ी निंदा पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने बोला कि उतनी ही कड़ी जितना मनमोहन सिंह जी हर आतंकी हमले के बाद करते थे।
कांग्रेस के एक नेता ने इसे विदेशी शक्तियों का षड्यंत्र हुए कहा कि मोदी ने 5 साल विदेशी दौरे इसीलिए तो किये हैं। अब सब पता चल रहा है। पहले फेसबुक ने हमारी पार्टी के समर्थक 687 पेज हटा दिया, फिर दुबई और अब रूस द्वारा मोदी का सबसे बड़ा सम्मान देश की चुनाव प्रक्रिया का अपमान है। चुनाव आयोग को इसपर सख्त निर्णय लेते हुए कोई फैसला देना चाहिए कि निष्पक्ष चुनाव के लिए चुनावों के दौरान नरेंद्र मोदी का विदेश में भी कोई नाम न ले।
आम आदमी पार्टी मुखिया केजरी’बवाल’ ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सब मिले हुए हैं जी। MCD चुनावों से ही दिल्ली की जनता मोदी से मिली है, हमारे लाख गिड़गिड़ाने, नाक रगड़ने पर भी कांग्रेस हमसे न मिलकर, पिछले दरवाजे से भाजपा को समर्थन दे रही है।
UAE और रूस भी अब मोदी को अपना सबसे बड़ा सम्मान देकर आचार चुनाव संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। चुनाव आयोग की चुप्पी से लगता है कि वो भी मोदी के हाथों की कठपुतली बन गयी है।
दुबई के प्रिंस को खरी खोटी सुनाते हुए उन्होंने कहा कि मैं चंदा मांगने गया तो पैसे नहीं दिए और मोदी को इतना दे दिया।
उधर जब हमारे पत्रकार ने विवेक ओबेरॉय से फिल्म न रिलीज़ होने के बारे में बात की तो उनका दुःख साफ़ दिख रहा था। बाकि अभिनेताओं की तरह होली, दिवाली, ईद की तरह मैंने भी तो लोकतंत्र के त्यौहार पर फिल्म रिलीज़ का प्लान किया था। हम कानूनी पहलुओं पर बात कर रहे हैं।
अपने नुक्सान के बारे में उन्होंने बताया कि पहले भी वैसे मेरे पास खोने को कुछ नहीं था और अब तो कम से कम लोग जानते हैं मैं अभी भी फिल्म इंडस्ट्री में हूँ। बाकी भाजपा का प्रचारक और मोदी समर्थक तो हूँ ही तो जो एक्टिंग फिल्म में की वही अब मंच से कर दूंगा।
इसी बीच हमारे पत्रकार पतालखोजू को फोन आया कि अमेठी में राहुल गाँधी पर स्नाइपर के निशाने वाली घटना का पर्दाफाश हो गया है तो वह इसे आधे में छोड़कर लेजर मारने वाले से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू करने अमेठी के लिए निकल आगये । जल्दी ही उनकी अगली रिपोर्ट आपके सामने होगी।
पूरी तरह सत्य घटनाओ पर आधारित इस व्यंग्य के घटनाक्रम, पात्र और कथानक में समानता एक महज़ संयोग नहीं है।