सेना और रक्षा क्षेत्र में मोदी सरकार के किये कामों के बाद अब इस भाग में हम मोदी सरकार के कृषि क्षेत्र में किये गए कामों को देखेंगे |
किसानों के कल्याण के लिए सरकार की और से कई योजनाएं चल रही हैं । उनके मुख्य कामों को यहाँ पर देखेंगे
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)
भारत में फसल बीमा 1972 में शुरू हुआ और फिर पीएम राजीव गांधी के तहत भारत सरकार ने व्यापक फसल बीमा शुरू कर दिया. बाद में यह राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना बन गई. फिर से 2016 में, PMFBY वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की है ।
PMFBY पूर्ववर्ती बीमा योजनाओं के साथ तुलना
• इससे पहले, प्रीमियम पर ऊपरी कैप में सीमा थी, जो सरकार को भुगतान करना होता था , जबकि PMFBY किसानों में रबी के लिए 1.5% और खरीफ पर 2% का भुगतान किया जाएगा, शेष प्रीमियम सरकार द्वारा भुगतान किया जाएगा, चाहे वो जितना भी हो , ताकि, किसानों पर कम भार पड़े ।
• इसमें पहले की योजनाओं के विपरीत प्राकृतिक और स्थानीय आपदाओं को शामिल किया गया है ।
• इससे पहले मुख्यतया बीमा खेती के लिए कर्ज लेने वाले किसानों को प्रदान किया जाता था, अब बीमा कोई भी किसान समान शर्त पर ले सकता है |
• सूखा या बाढ़ के संभावित क्षेत्रों में प्रीमियम कम होगा जो कि पहले बराबर था |
• नुक्सान की गणना, डाटा इकठ्ठा करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग होगा और साथ ही किसानो को उन्नत तकनीक से खेरी करने के लिए प्रोत्साहित भी किया जायेगा |
• नुकसान का क्लेम निस्तारण तेजी से होगा जिसमे कि पहले 60-80 दिन तक लग जाता था |
• निजी बीमा कंपनियों ने भी इस बार किसानों में बेहतर पैठ और जागरूकता के लिए सहभागिता की |
• अगले 5 वर्षों में योजना 145 लाख हेक्टेयर फसली क्षेत्र को कवर करने के लिए है, ।
• यह 2022 तक किसानों कि आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री मोदी के वादे के अनुसार है |
परिणाम
- 2017-18 तक फसली क्षेत्र की 47.5 लाख हेक्टेयर भूमि को शामिल किया जा रहा है ।
- भारत अमेरिका और चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा इन्सुरेंस प्रदाता देश बन गया |
- 2016-17 में 5.74 करोड़ किसानों को कवर किया गया ।
- 2016-17 में PMFBY के तहत 1.12 करोड़ किसानों को 12,959.10 करोड़ रुपए का कुल भुगतान किया गया । जो प्रति किसान 11571 रुपए होता है
- टाइम्स ऑफ इंडिया की इस रिपोर्ट कृषि सचिव भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए योजना के लाभों पर भी प्रकाश डाला गया है ।
- अधिक जानकारी के लिए पढ़ें यह PIB रिपोर्ट.
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (प्रधानमंत्री – आशा)
किसानों की स्थितियों में सुधार के लिए पीएम मोदी द्वारा एक और महत्वाकांक्षी योजना 2018 सितंबर में शुरू की गई ।
नरेंदर मोदी द्वारा किसान समर्थक इस अन्य योजना का उद्देश्य किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करना और किसानो को उनकी लागत का 1.5 गुना वापस करना है |
यह 3 योजनाओं की एक योजना है और राज्यों को लागू करने की आजादी दी जाती है |
मूल्य समर्थन प्रणाली (PSS)
सरकारी एजेंसियां NAFED और FCI के माध्यम से सीधे सूचीबद्ध फसलों की खरीद करेंगी । इससे पहले केवल NAFED ही किसानों से सीधे खरीद रहा था ।
मूल्य अंतर भुगतान योजना (PDPS)
इस योजना के तहत, एक बाजार में जाकर अपने उत्पादों को बेच सकते हैं । यदि वह सूचीबद्ध MSP से कम हो जाता है, तो मूल्य अंतर सरकार द्वारा कवर किया जाएगा ।
निजी खरीद के Pilot और Stockist योजना (PPPS)
इस पायलट योजना में सरकार निजी कंपनियों को भी खरीद के लिए शामिल करने की योजना बना रही है ।
इसके लिए आवंटित कुल फंड 45,550 करोड़ है ।
MSP का इतिहास –
2013 में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय ने 70 राउंड में सर्वेक्षण किया और निष्कर्ष निकाला कि केवल 6% किसानों को ही एमएसपी मिल सका है । 2016 नीति आयोग में, मूल्यांकन किया गया है कि किसानों का 79% एमएसपी वितरण के साथ खुश नहीं हैं ।
अभी बहुत ज्यादा रिपोर्ट उपलब्ध नहीं हैं जो ये बता सके कि PM मोदी कि इन योजनाओं का ज़मीनी रूप में किसानों को कितना फायदा हुआ लेकिन लगता है कि जन धन योजना और डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर योजना से किसानो को सीधा फायदा होगा | पहले पैसे किसानों को मिलने कि बजाय कुछ गायब किसानों के नाम जमा होता था |
किसानों के लिए राष्ट्रीय आयोग (NCF)
आजादी के बाद पहली बार 2004 में तत्कालीन कृषि मंत्री राजनाथ सिंह ने किसानों के लिए राष्ट्रीय आयोग की स्थापना की, जिसका गठन किसानों के उत्थान के लिए योजना और सुझावों के उद्देश्य से किया गया था । NCF के पूर्व चेयरमैन एमएस स्वामीनाथन खुद यहां कहते हैं कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने तक इसकी सिफारिशों पर कुछ भी ठोस नहीं हो सका । अधिक जानकारी देता यह रिपोर्ट ।
महत्वपूर्ण –
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