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प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सैनिको के लिए किये कार्य

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मेरे सबसे प्रिय और सादगी के सबसे बड़े प्रमाण भारत के दूसरे  प्रधानमंत्री श्री  लाल बहादुर शास्त्री, जिन्होंने 1965 में पाकिस्तान पर विषम हालातों में भी  विजय दिलाई, उन्होंने नारा दिया था – जय जवान, जय किसान | उसी नारे को ध्यान में रखते हुए अपने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के 4.5 साल के काम का विश्लेषण करने की कड़ी में सबसे पहले मोदी जी द्वारा देश के जवानो के लिए किये गए कार्यों को लूंगा | यह दो भागों में में होगा –

OROP (वन रैंक वन पेंशन)  

OROP क्या है?

सभी सैन्य अधिकारीयों को बराबर ही पेंशन मिलेगा अगर उन्होंने एक ही रैंक पर समान समय के लिए सैन्य सेवा की है, भले ही उनका रिटायरमेंट डेट कुछ भी हो |

इसका मतलब अगर को सैन्य अधिकार 2004 में रिटायर होता है और दूसरा 2018 में, लेकिन दोनों एक ही पद पर थे और दोनों ही 22 साल तक सेना में रहे तो दोनों को बराबर पेंशन मिलेगा | पहले वाली व्यवस्था के अनुसार जिसमे पेंशन औसत सैलरी का 50% होता था | उस पुरानी व्यवस्था के तहत, इन दोनों अधिकारीयों के पेंशन में हजारों का फर्क होता | लेकिन OROP के बाद दोनों को बराबर पेंशन मिलेगा |

OROP की जरूरत क्यों?

अमूमन एक सैनिक ३५ साल की उम्र में रिटायर होता है और तब तक नै नौकरियों के लिए भर्ती होने की उम्र निकल चुकी रहती है | उसे और उसके परिवार को कई सारी दिक्कतें हो सकती हैं, इन बातों को ध्यान में रखते हुए OROP उनके लिए बहुत ही जरुरी हो जाता है | साथ ही सीमा पर खड़े जवानों को हिम्मत मिलता है और नए लोगों को सेना ज्वाइन करने की प्रेरणा | उनके शहीद हो जाने की दशा में भी उनके पत्नियों और बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित हो जाता है |

इतिहास

1973 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने OROP को समाप्त कर दिया था । यह आजादी के बाद से ही प्रचलन में था । 1971 में पाकिस्तान पर भारत की जीत के 2 साल के अंदर ही और यह भारतीय जीत के हीरो मानेकशॉ के रिटायर होने के 2 महीने के अंदर ही बिना सेना मुख्यालय से परामर्श किये ख़त्म कर दिया गया |

उनसे बाद कांग्रेस इसे 2013 तक भूली रही | जब सितम्बर 2013 में हरियाणा की एक चुनावी रैली में नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि चुनाव जीतने पर OROP लागू किया जायेगा | कांग्रेस नीत UPA की नींद तब खुली और आतंरिक बजट में उन्होंने इसके लिए 500 करोड़ रु निर्धारित किया |

OROP का क्रियान्वयन

2015 में, NDA सरकार ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, OROP को मंजूरी और लागू किया और लगभग 8500 करोड़ रु का फंड जारी किया ।

यहां राज्यसभा टीवी की पूर्व सैन्य अधिकारियों से बातचीत है और वे OROP पर अमल के बाद अपनी राय साझा करते हैं.


OROP के बाद हमारे दिग्गजों को क्या लगता है

हां, अभी भी यह कुछ असहमति है लेकिन एक सकारात्म पहल की स्वागत होनी चाहिए |

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक ( नेशनल वॉर मेमोरियल )

सेना द्वारा 1960 में घोषित किए जाने के बाद, यह राजनीतिक-नौकरशाही की लड़ाई में फँस गया |  मोदी के सत्ता में आने के बाद 2015 कैबिनेट में इस प्रोजेक्ट के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी और संभावना है कि पीएम मोदी 25 जनवरी 2019 को देश के पहले नेशनल वॉर मेमोरियल (NMM) उद्घाटन करेंगे ।

सैनिकों के साथ दिवाली

जब हम कोई त्यौहार मनाते हैं तो सैनिक अपनी जान की बाजी लगाकर हमारे जान और ख़ुशी की सुरक्षा करते हैं | सत्ता में आने के बाद हर साल पीएम मोदी सैनिकों के साथ मोर्चे पर दिवाली मना रहे हैं और उनके साथ खड़े होकर मनोबल बढा रहे हैं –

  1. 2014 दिवाली -उन्होंने अपनी दिवाली आर्मी बेस कैंप में सियाचिन में १२००० फीट पर बिताया ।
  2. 2015 दिवाली – इस साल दिवाली पर मोदी ने पंजाब में कई वॉर मेमोरियल का दौरा किया वहीं सैनिकों के साथ समय बिताया.
  3. 2016 दिवाली – इस साल उन्होंने भारत-चीन सीमा के पास हिमाचल में किन्नौर जिले में आईटीबीपी, भारतीय सेना और डोगरा स्काउट्स के सैनिकों से मुलाकात की.
  4. 2017 दिवाली – इस साल पीएम मोदी और रक्षा मंत्री दोनों ने भारत पाकिस्तान सीमा पर जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना और BSF कैम्प्स का दौरा किया,
  5. 2018 दिवाली -फिर से इस साल , पीएम मोदी ने उत्तराखंड में आर्मी और आईटीबीपी कैंपस का दौरा किया ।

सैनिकों के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट

2009 में सरकार को 1.86 लाख बुलेट प्रूफ जैकेट्स की जरुरत सेना द्वारा बताई गई लेकिन तब से कुछ ठोस नहीं हो सका । अब “मेक इन इंडिया” कार्यक्रम के तहत, मोदी सरकार ने इस के लिए एक दिल्ली बेस्ड कंपनी को 639 करोड़ का ऑर्डर दिया.

इसके पहले भी 2016 में भी, बुलेट प्रूफ जैकेट्स की जरुरत पर 50,000 जैकेट्स का पहला आर्डर भी मोदी सरकार ने ही दिया था |

नए हथियारों की खरीदी

मई 2015 में पीएम मोदी के एक साल बाद जब नियंत्रक और महालेखाकार जनरल (सीएजी) ने संसद में एक रिपोर्ट पेश की कि उपलब्ध हथियारों के साथ भारत 10 दिन से ज्यादे लड़ाई नहीं लड़ सकता हैं | यह रिपोर्ट मार्च 2013 तक स्थिति पर आधारित थी । इस रिपोर्ट पर जवाब देते हुए तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर ने कहा था कि अब थलसेना उप प्रमुख के पास खरीद के लिए सभी शक्तियां हैं रक्षा खरीद में देर नहीं होगी | अभी अपना देश विदेश से कुछ उन्नत हथियार खरीद रहा है और बोफोर्स के 30 साल के बाद M777 को अपने सैन्य बड़े में शामिल करेगा | 25 तैयार हालत में आएंगे और 120 देश के अंदर ही मेक इन इंडिया के तहत  बनाये जायेंगे |

इस के अगले भाग में, मैं रक्षा इस सरकार द्वारा किए गए सौदों को कवर करूँगा और भी बहुत कुछ । इसे आप इंग्लिश में यहाँ पढ़ सकते हैं |

Stay tuned, Stay Informed and Keep TAAGUNGing !!!

Disclaimer – This is not a political article, it is just an analysis and to keep people  what is happening around. All information mentioned here, have authentic reference and for any conflict, please contact us.

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