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वैसे तो आज़म खान हमेशा से ही घृणित बयान देने के लिए कुख्यात है लेकिन इस बार उनके बयान ने उनको काफी नीचे गिरा दिया लेकिन जाने-अनजाने में उन्होंने अपने बयान से अपनी विलक्षण दिव्य दृष्टि के सुपर पावर को दुनिया को बता दिया। तबसे देश की कई सुरक्षा एजेंसिया उन्हें अपने यहाँ सुरक्षा जांच के लिए रखना चाह रही है। उनका कहना है कि इससे उनका X-Ray मशीन का खर्च बचेगा।
नाम न बताने के शर्त पर भारत के एयरपोर्ट्स की सुरक्षा देखने वाले CISF के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि आज़म खान को डेप्लॉय करने से हमारी टेक्नोलॉजी पर निर्भरता कम होगी और लोगो को बार-बार अपने जूते बेल्ट वगैरह जांच के नाम पर नहीं निकालने पड़ेंगे। उन्होंने आगे कहा कि कभी कभी टेक्नोलॉजी फेल भी हो सकती है लेकिन आज़म खान और उनकी गन्दी नज़र, कभी धोखा नहीं खा सकते।
इसी बीच अमेरिका के बोस्टन एयरपोर्ट से भी आज़म खान के लिए ऐसे ही जॉब ऑफर की खबर आ रही है। गौरतलब है कि 2013 में इसी एयरपोर्ट पर आज़म खान को रोककर अधिकारियों ने उनके भी अंडरवियर का रंग चेक किया था। हालांकि उन्होंने 6 साल बाद भी अभी रंग का खुलासा नहीं किया।
हमारे विश्वस्त सूत्रों ने यह भी बताया कि आज़म खान की आखों की जांच के लिए अमेरिका से भी बुलावा आया है और इस बार वादा किया गया है कि उनका किसी भी अमरीकन एयरपोर्ट पर चीर-हरण नहीं किया जायेगा।
महान इतिहासकार आरामचंद गुफा ने हमारे पत्रकार पतालखोजूँ को बताया कि आज़म साब की यह परम शक्ति शायद महाभारत के संजय से भी ज्यादा है क्योंकि संजय पूरे महाभारत का आखों देखा हाल महल में ही बैठे बैठे धृतराष्ट को बता पाए लेकिन जैसा ज़िक्र आज़म खान ने किया वैसा विवरण कहीं नहीं मिलता है।
इसी बीच हमारे पतालखोजूँ ने जब आज़म खान के तबेले का दौरा किया तो 2014 में तबेले से भागी तीनों भैंसों ने अपना दर्द सांझा किया। उन्होंने कहा कि वो इनकी नज़र-इ-इनायत की वजह से ही भाग गयी थी लेकिन पूरी उत्तर प्रदेश पुलिस फ़ोर्स ने उन्हें वापस इस ज़लालत भरे तबेले में ला दिया।
वहीँ जब हमारी टीम ने AIIMS दिल्ली के नेत्र रोग विशेषज्ञ से बात किया तो उन्होंने किसी दिव्य शक्ति से मना किया लेकिन बताया इस विशेष चश्मे की वजह से आज़म खान कुछ भी देख सकते हैं।
इस बीच आगरा के बुजुर्गों का कहना है कि हमारे दादा परदादाओं ने इस जगह का नाम घटिया आज़म खान भविष्य को देखकर ही रखा होगा।
पूरी तरह सत्य घटनाओ पर आधारित इस व्यंग्य के घटनाक्रम, पात्र और कथानक में समानता एक महज़ संयोग नहीं है।