Friendship Day

साथ में मेरे दोस्त खड़े थे

Atul Sharma

शीर्षक से कोई दुविधा नहीं होनी चाहिए, मेरे दोस्त जैसे पहले थे, वैसे ही आज भी मेरे साथ खड़े हैं।  हाँ, पहले की वो यादें अब केवल ज़ेहन में हैं, कभी उन्हें साकार नहीं कर सकते और इसी बात का मलाल है जिंदगी में।   

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