कभी राहें मुश्किल होंगी तो कभी अपने ही पीछे खींचने में लगे रहेंगे, लेकिन आगे बढ़ना है तो अकेले ही चलना है। इसलिए बांध मुट्ठी और ठान ले …
कभी राहें मुश्किल होंगी तो कभी अपने ही पीछे खींचने में लगे रहेंगे, लेकिन आगे बढ़ना है तो अकेले ही चलना है। इसलिए बांध मुट्ठी और ठान ले …