प्रभु राम की सेना में गोरखा थे, बन्दर नहीं – नेपाली PM ओली 

Atul Sharma

आजकल नेपाल के प्रधानमंत्री भारत से इतने गुस्साए हैं कि रोज नया इतिहास लिख रहे हैं और भारत के सर्वकालिक महान इतिहासकार आरामचंद गुफा तक इससे हैरान हो गए हैं । कल श्री ओली ने कहा कि भगवान् राम और सीता दोनों नेपाल से थे और अयोध्या भी नेपाल में ही हैं।  आज उन्होंने अपने बयान में नए ऐतिहासिक तथ्यों को जोड़ते हुए एक पूरी नयी कहानी हमारे संवाददाता को विस्तार से बताया । 

हमारे पोर्टल को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में हमारे संवाददाता पतालखोजूँ को नेपाली प्रधानमंत्री ओली ने बताया कि भगवान् राम के साथ रावण के खिलाफ लड़ने के लिए सेना में बन्दर नहीं थे बल्कि नेपाल के वीर गोरखा सैनिक थे।  हनुमान जी को नेपाल की तराई वाले इलाके सोनौली बॉर्डर के पास का बताया जिसे आज भारत अपना हीरो बना लिया है, दरअसल, वे भी एक नेपाली ही थे। 

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हमारे आग्रह पर उन्होंने पूरी रामायण की कहानी कुछ यूं बताई। भगवान् राम जब अयोध्या (काठमांडू के पास वाले ) से निकले तो माता सीता का अपहरण लिपुलेख से हुआ था । रावण चीन के रास्ते आया था क्योकि वह कैलाश पर्वत से भगवान शिव की पूजा करके आ रहा था और शिव जी के वरदान से उसकी शक्तियां असीमित हो गयी थी।  लक्ष्मण ने जो रेखा खींची थी वही आज काली नदी हो गयी और उस क्षेत्र का नाम कालापानी है। 

उन्होंने आगे बताया कि राम जी अकेले परेशान थे तो मैंने खुद गोरखा सेना उनकी सहायता के लिए दी थी और आज भारत वाले कहते हैं कि राम जी के साथ बन्दर सेना थी। 

श्रीलंका में मां सीता के रहने की जगह अशोक वाटिका नहीं थी बल्कि हम्बनटोटा का बंदरगाह था और वह वो चीन के संरक्षण में पूरी तरह सुरक्षित थी।  बाद में प्रभु राम ने सीता माता को मुक्त कराया और वापस अयोध्या (काठमांडू के पास वाले ) लेकर आये और राज्याभिषेक हुआ ।  

इसतरह उन्होंने कहानी पूरी की।  हमारे पूछे जाने पर कि आपका अगल कदम क्या होगा तो उन्होंने पूरे आत्मविश्वास से बताया कि हम नेपाली संसद में प्रस्ताव पास करके विस्तार से नया रामायण लिखेंगे। 

रामायण की कहानी बताते हुए नेपाली PM श्री ओली 

साथ में उन्होंने नयी मांग की कि नए राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में नहीं बल्कि नेपाल वाले अयोध्या में होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने अपना अगला कदम नहीं बताया और इंटरव्यू यही ख़त्म कर दिया। 

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हमारे मोबाइल पर फोन करके सोनाक्षी सिन्हा ने आज कहा कि मैंने और प्रधानमंत्री ने रामायण अरिंदम चौधरी के IIPM से साथ में पढ़ा था।    

इसी बीच खबर लिखे जाने तक नेपाली प्रधानमंत्री ने एक नया राज खोला कि भारत की ओला (OLA) कैब सर्विस का नाम उनके नाम पर रखा गया है और वो इसके लिए इंटरनेशनल कोर्ट में जायेंगे और मुआवजे की मांग करेंगे। मिले पैसे से वो चीन के कर्जे को चुकाएंगे और बाकी कर्ज की भरपाई नेपाल की जमीन को चीन को सौपकर करेंगे। 

अवैधानिक चेतावनी – पूरी तरह सत्य घटनाओ पर आधारित इस व्यंग्य के घटनाक्रम, पात्र और कथानक में समानता एक महज़ संयोग नहीं है।