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साथ में मेरे दोस्त खड़े थे

Friendship Day

Hindi Poem on International Friendship Day

शीर्षक से कोई दुविधा नहीं होनी चाहिए, मेरे दोस्त जैसे पहले थे, वैसे ही आज भी मेरे साथ खड़े हैं।  हाँ, पहले की वो यादें अब केवल ज़ेहन में हैं, कभी उन्हें साकार नहीं कर सकते और इसी बात का मलाल है जिंदगी में।   

Hindi Poem on International Friendship Day
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