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वाशिंगटन (अमेरिका ) | हमारे विश्वस्त सूत्र को एक डॉक्यूमेंट मिला है जिससे पता चलता है कि देश के बुद्धिजीविओं के एक ग्रुप सिकलिबरल ने अमेरिका की USPTO (United States Patent and Trademark Office ) से एक पेटेंट ले लिया है | बहुत ही सीक्रेट इस डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि मोदी विरोध करने वाले ही “नैतिक जीत” शब्द का प्रयोग कर सकते हैं और कोई नहीं कर सकता | ग्रुप ने दावा किया कि यह उनकी बौद्धिक सम्पति (Inteillectual Property -IP ) है |
हमारे संवाददाता पतालखोजू से बात करते हुए नाम न बताने की शर्त पर ग्रुप के एक सदस्य में बताया कि इसकी औपचारिक शुरुआत गुजरात चुनाव परिणाम के बाद हुआ और ममता दीदी के ऐतिहासिक साहसिक कदम के बाद तो यह जरुरी हो गया कि हम इसका यथाशीघ्र पेटेंट ले ले | इस साल के लोकसभा चुनाव के तैयारी पर बोलते हुए उन्होंने बता दिया कि वो लोग मान कर चल रहे हैं कि भले चुनाव परिणाम के बाद मोदी फिर से प्रधानमंत्री बन जाए लेकिन नैतिक जीत तो हमारी ही होगी |
अमेरिका में पेटेंट कराने के सवाल पर अपनी अंतर्राष्ट्रीय दूरदर्शिता का परिचय देते हुए माननीय ने बताया कि कल दाऊद इब्राहिम, हाफ़िज़ सईद जैसे भी तो इसे अपनी नैतिक जीत बता सकता है कि उनका मोदी सरकार कुछ नहीं कर पाई | अगर विजय माल्या और नीरव मोदी को प्रत्यर्पित करके भारत लाया नहीं जाता है तो ये उनकी ही नैतिक जीत होगी क्योकि उनकी तो स्वदेश वापसी होगी और जेल जाने की बात तो वहां तो गाँधी नेहरू बोस और बहुत लोग गए |
उन्होंने आगे बताया कि भाजपा इसे नहीं प्रयोग नहीं कर सकती जो कि मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनाव परिणाम के बाद दिख भी गया | अगर भाजपा हारेगी तो ये उनकी शर्मनाक हार और मोदी लहर का खात्मा होगा |
फिर हमारे पत्रकार पतालखोजू ने जब पूछा कि इस नैतिक जीत का नैतिकता से कैसा सम्बन्ध है तो माननीय क्रोधित हो गए और उल्टा पूछने लगे कि नैतिकता से इसका क्या लेना देना ?
इसके बाद हमारे साहसिक पत्रकार ने अगले सवाल की बजाय चुप चाप निकलने में ही अपनी भलाई समझी |
संवैधानिक चेतावनी – समसामयिक घटनाओं पर आधारित एक व्यंग्य, जिसका विभिन्न सत्य घटनाओं से समानता केवल संयोगमात्र नहीं है।