ये कविता पूरी उम्मीद के साथ आगे बढ़ती है और अंत में एहसास दिलाती है कि समय बदलकर सामान्य हो जायेगा लेकिन फिर भी इस बात का ख्याल रखना पड़ेगा कि वो भी बदल जायेगा।
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वाघाचं स्वप्न ! राजाची कमाल ! लग्नाचा करार ! आणि कमळाबाईची माघार !
Maharashtra Government formation was all about twists and turns. I have written a Marathi Poem based on recent daily events , which I conclude today as the new CM has taken oath. The poem is written in 3 parts.
Continue readingबांध मुट्ठी और ठान ले …
कभी राहें मुश्किल होंगी तो कभी अपने ही पीछे खींचने में लगे रहेंगे। लेकिन आगे बढ़ना है तो अकेले ही चलना है। इसलिए बांध मुट्ठी और ठान ले …
Continue readingमाँ, बचपन और यादें…
बचपन, ज़िंदगी का वह दौर जब आप सबसे धनवान होते हो, खुशियों के नज़रिए से | जब बड़े होते हैं
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